इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा कि जो रूट को मैच के निर्णायक क्षणों में पगबाधा आउट होने के अंपायर के फैसले के कारण उन्हें भारत के खिलाफ दूसरा टी20 मैच गंवाना पड़ा और वह आईसीसी मैच रैफरी के सामने यह मसला उठायेंगे। अंपायर सी शमसुद्दीन ने रूट को आखिरी ओवर में जसप्रीत बुमरा की गेंद पर पगबाधा आउट दिया जबकि गेंद बल्ले से लगी थी।
मोर्गन ने कहा, ‘हम उस फैसले से काफी नाराज हैं। इससे 20वें ओवर में मैच का पासा पलट गया। ऐसे बल्लेबाज का विकेट गंवाना जो 40 गेंद खेल चुका है, टीम के लिये घातक साबित हुआ क्योंकि उस समय विकेट काफी धीमा हो चुका था।’ उन्होंने कहा, ‘कई फैसले हमारे पक्ष में नहीं गए। हम वह मैच जीत सकते थे लेकिन नहीं जीत सके जिससे काफी निराशा है। हमारे पास अगले मैच के जरिये वापसी का मौका है लेकिन हमने मैच रैफरी के जरिये फीडबैक में अपनी प्रतिक्रिया दे दी है।’ उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि क्रीज पर जमने के बाद वह खराब शॉट खेलकर आउट हुए।
उन्होंने कहा, ‘मुझे ऐसा नहीं लगता। मैंने अच्छा खेला। हमने भारत के अनुकूल विकेट पर उम्दा गेंदबाजी की। हम मैच में अंत तक बने हुए थे और मैच जीत सकते थे।’ इंग्लैंड को आखिरी दो ओवर में 24 रन चाहिये थे जिनमें से 16 आशीष नेहरा के डाले 19वें ओवर में बन गए। आखिरी ओवर में बुमरा ने गेंदबाजी की जिसमें रूट और जोस बटलर आउट हुए और भारत पांच रन से जीत गया।
यह पूछने पर कि टी20 मैचों में डीआरएस का इस्तेमाल नहीं होने से क्या वह निराश हैं, मोर्गन ने कहा, ‘कुछ हद तक। यदि विश्व कप के मैचों में भी इसका इस्तेमाल किया जाये तो अच्छा होगा। इसे टी20 मैचों में इस्तेमाल किया जाना चाहिये।’ उन्होंने यह भी कहा कि टी20 मैचों में गेंदबाजी और बल्लेबाजी का अच्छा संतुलन होना चाहिये। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि इसमें दोनों का संतुलन होना चाहिये। ज्यादातर दर्शक चौके छक्के देखना चाहते हैं और बहुत कम विकेट गिरते देखना चाहते हैं। यह अनुपात 70-30 होना चाहिये।’
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